नमस्ते दोस्तों स्वागत है हमारे ब्लॉग पर दोस्तो आज हम आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण विषय कर कविता लेकर आए हैं। दोस्तो आज हम सब आधुनिक जीवन जी रहे हैं। वर्तमान समय में लड़के और लड़कियां दोनों देश को आगे बढ़ाने में समान रूप से अपना योगदान दे रहे हैं। लेकिन आज भी हमारे देश में ऐसे लोगो की कमी नहीं है। जो आज भी लड़कियों को बोझ मानते हैं। ऐसे लोग ही कन्या भ्रणहत्या जैसे जघन्य अपराध करते हैं। दोस्तो इसी से सम्बन्धी एक कविता आज हम आपके लिए लाए आशा करता हूं कि यह आपको जरूर पसंद आयेगा।
(मां के पेट में एक लड़की अपनी मां से बोल रही है)
मैं भी तो हूं अंश तुम्हारा
पापा को समझाकर देखो
सारी बात बताकर देखो
बिगड़ा है अनुपात बताओ
क्या होंगे हालात बताओ
फिर भी अगर ना माने पापा
रोऊंगी मनुहार करूंगी
जीवन भर आभार रहूंगी,
मुझे जन्म दो मुझे जन्म दो।।
लक्ष्मीबाई मदर टेरेसा
क्या कोई बन पाया वैसा
ये बाते बतलाओ अम्मा
दादी को समझाओ अम्मा
अंतरिक्ष में जाकर के मां
रोशन तेरा नाम करूंगी
जो-जो बेटे कर सकते हैं
हर वो अच्छा काम करूंगी
नाम से तेरी जानी जाऊ
मां मै तुमसे प्यार करूंगी
मुझे जन्म दो, मुझे जन्म दो।।
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