Short motivational story in hindi ।। Grief prevention story in hindi ।। Dukh nivaran kahaniya Hindi me
क्या आपके जीवन में कई समस्याएं है। एक समस्या खत्म नहीं होती और दूसरी समस्या आ जाती हैं। जिनके जीवन में बहुत सारी समस्याएं है। आज उनके लिए हम एक प्रेरणा दायक कहानी लेकर आए हैं। जिसको पढ़ने से आपके सारे दुःख समाप्त हो जाएंगे।
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महाभारत के युद्ध के दौरान, एक बार कर्ण ने श्री कृष्ण जी से पूछा, प्रभु मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है? मेरे ही जीवन में इतना दुख क्यों है। जन्म के बाद मेरी मां ने मुझे छोड़ दिया। फिर द्रोणाचार्य ने मुझे शिक्षा देने से मना कर दिया। द्रोपदी के स्वयंवर में मुझे अपमानित किया गया।
भगवान श्री कृष्ण जी ने कर्ण के बात सुनकर पहले तो मुस्कुराए और फिर बोले, हे सूर्य पुत्र कर्ण! इस संसार में कोई ऐसा नहीं है, जिसने दुख न झेला हो। तुम मुझे ही ले लो, मेरा जन्म कारागार में हुआ। और जन्म से पहले ही मृत्यु मेरा इंतजार कर रही थी। जन्म के कुछ ही समय बाद मुझे माता-पिता से अलग होना पड़ा। जब मैं घुटनों के बल भी चल नहीं पाता था, तब मुझ पर प्राणघातक हमले किए गए। मेरे ही मामा ने मुझ निहत्थे बालक पर प्रहार कर मृत्यु के मुख में पहुंचने का प्रयास किया। यही नहीं जरासंध के आतंक के कारण मुझे अपने परिवार को समुद्र के किनारे द्वारका में बसाना पड़ा। इस संसार में किसी का भी जीवन चुनौतियों से रहित नहीं है। महत्व इस बात का है कि हम उन सभी समस्याओं का सामना किस प्रकार अपने ज्ञान के द्वारा करते हैं।
सीख - दोस्तो हम सभी के जीवन में तो समस्या अति रहती हैं। जैसे दिन है तो रात भी है। उसी प्रकार दुख है तो सुख भी है। बस हमें संकट के समय घबराना नहीं है बल्कि हमें अपने धैर्य और ज्ञान के द्वारा उन सभी समस्याओं का सामना करना है।
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