Maa par Kavita in hindi । Mother poem in hindi । Poem on mother । Maa par poem
जैसे एक वृक्ष हमसे बिना कुछ लिए ( फल, फूल, हवा, औषधि ) केवल देना जानती है। ठीक उसी प्रकार मां भी बिना किसी स्वार्थ के हमारी सेवा करती है और वह चाहती है कि हमारा बेटा बड़ा होकर एक सफल इंसान बने, एक मां की बस यही ख्वाहिश रहती हैं।
दोस्तो आज हम मां के ऐसी ही निस्वार्थ सेवा से संबंधी एक कविता लेकर आए हैं। जिसे आप पढ़ेंगे तो आपमें मां के प्रति सच्ची सेवा जागृत होगी।
जीवन में मुस्कान सी, चिड़ियों में उड़ान सी
एक खुशनुमा एहसास सी, कोयल की मिठास सी
चांद की प्रकाश सी, स्वर्णिम आकाश सी
शांति और सुकून सी, हौसले और जुनून सी
हर्ष और उमंग सी, उल्लास की तरंग सी
शीतल नई पुरवईया सी, सहारे की एक नईया सी
ऐसी है मेरी मां।।
मां तेरी गोद मुझे अनमोल होने का एहसास कराती हैं।
मां तेरी हिम्मत मुझे जग जितने का विश्वास दिलाती है।
मां तेरी सीख मुझे आदमी से इंसान बनाती हैं।
मां तेरी डाट मुझे नित नयी राह दिखलाती है।
मां तेरी सूरत मुझे मेरी पहचान कराती है।
मां तेरी पूजा मुझे मेरी हर पाप मिटाती है।
मां तेरी लोरी मुझे अब भी मीठी नींद सुलाती है।
मां तेरी याद मुझे अब भी बहुत रुलाती है।
दोस्तो यह मां पर प्रेरणा दायक कविता आपको पसंद आया हो तो इसे अधिक से अधिक लोगों को शेयर जरूर करें धन्यवाद।
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