राष्ट्र शेवा से बड़ा कोई कर्तव्य नहीं है। हम अपने देश की सेवा अनेकों प्रकार से कर सकते है। इसके लिए चाहे हम सेना में भर्ती होकर या एक समाज सेवी बनकर अथवा अन्य भी कई प्रकार से हम अपने देश की सेवा कर सकते है। हमारे भारत वर्ष की निर्धारित सीमा की रक्षा करना और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना ही स्वदेश प्रेम है। तो दोस्तो आज हम आपके लिए देश भक्ति पर एक कविता लेकर आए हैं।
हम भारत मां के बेटे है।
पत्थर पिघला देंगे।
हम वीर हिन्दुस्तानी है।
पानी में आग लगा देंगे।
देकर हमने कई जाने।
आजादी को पाई है।
इस तिरंगे की शान के खातिर,
अपनी जान गंवाई है।
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई,
हम सब भाई-भाई है।
देश की शान सदा रखेंगे।
ऊचे अरमानों को लेकर,
वीर चला करते थे,
दुश्मन से जा टकराते
मौत से न डरते थे।
दोस्तो अगर यह प्रेरणा दायक कविता आपको पसंद आया हो तो इसे अधिक से अधिक लोगों को शेयर जरूर करें धन्यवाद।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें