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लघु साहसिक कहानियाँ हिंदी में - Short adventure stories in hindi

  नमस्ते दोस्तो स्वागत है हमारे ब्लॉग पर आज हम आपके लिए लघु साहसिक कहानी लेकर आए हैं। दोस्तो यह कहानी पढ़ने से आपमें एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। जिससे आप किसी भी कार्य को आसानी से कर पाएंगे। समझदार विकास - A Short adventure stories in hindi विकास एक बारह साल का लड़का है। उसके पिता एक पुलिस अधिकारी है। विकास पढ़ने में काफी तेज है, वह अपनी कक्षा में हमेशा प्रथम स्थान प्राप्त करता है। विकास के पिता को सरकारी आवास न मिलने के कारण वह शहर के आखिरी छोर पर किराए के मकान में रहते हैं।  वहीं पास में गरीबों की बस्ती रहती है। जहां पर बहुत से गरीब परिवार रहते हैं। वे सब मेहनत करके अपना जीवन यापन करते हैं। इसी बस्ती में एक महिला विकास के घर काम करने आती है। वह महिला विकास के घर बर्तन साफ करना, झाडू लगाना, पेड़-पौधों तथा फूलो को पानी देना आदि काम किया करती थी। उस महिला का एक दस साल का लड़का था। जिसका नाम रौनक था। रौनक अक्सर अपनी मां के साथ विकास के घर आया करता था। चुकी विकास के घर खेल के बहुत समान थे। जैसे कि फुटबॉल, बैटबॉल, बैडमिंटन आदि खेलों के सामान थे। इसलिए रौनक उसके घर खेलने के लिए आया कर

हिंदी में बुद्धिमत्ता पर लघु कथा - Short story on intelligence in hindi

  नमस्ते दोस्तो स्वागत है हमारे ब्लॉग पर आज हम आपके लिए चतुर बीरबल की प्रेरणा दायक कहानी आपके साथ शेयर कर रहा हूं। दोस्तो बीरबल, बादशाह अकबर के दरबार एक प्रमुख सलाहकार के रूप में थे। बादशाह के पास जब भी कोई समस्या आती तो उसका समाधान बीरबल ही करता था। तो आज हम ऐसे बीरबल की बुद्धिमत्ता वाली कहानी आप सभी के साथ शेयर कर रहा हूं। आशा करता हूं कि यह आपको ज़रूर पसंद आयेगा। बादशाह अकबर और फलवाले की कहानी - Akbar and birabal story in hindi एक सुबह राजा अकबर अपने महल के झरोखे में खड़ा था। तभी उसी समय एक फल वाला रास्ते से गुजरा। अकबर की नजर फल वाले पर पड़ी। फलवाले ने बादशाह को सलाम किया, फिर वहां से आगे बढ़ गया।  फिर इसके बाद अकबर दरबार में जाने के लिए तैयार हुआ। तभी उसे समाचार मिला कि उसके पत्नी का भाई दुर्घटना में घायल हो गया है। इसलिए अकबर दरबार में न जाकर अपने साले से मिलने चला गया। फिर लौटते समय सीढ़ियों पर चढ़ते समय वह फिसल गया और उसके पैर में मोच आ गई। पैर में पट्टी बंधवाकर अकबर दरबार में पहुंचा। उस दिन बीरबल दरबार में नहीं आया था। इसलिए कोई काम नहीं हो सका। उबकर अकबर अपने महल लौट गया और आ