सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

छोटी सी कहानी प्रेरणादायक prerna dayak kahani

  Shorts Gyan Dene wali kahani । Prerna dayak kahani by rosegyan Moral story नैतिक कहानी पढ़ना सभी को अच्छा लगता है, एक तो इसमें सामाजिक और नैतिक ज्ञान होता है और साथ ही इससे हमें जानकारी भी प्राप्त होती हैं, खासकर बच्चों को। Moral story शिक्षा भी मिलती हैं। तो हम आज ऐसे ही प्रेरणा दायक कहानी आप लोगों के साथ शेयर कर रहे हैं। आशा करता हूं कि यह आपको पसंद जरूर आएगा। अगर यह पसंद आए तो इसे और लोगो तक शेयर जरूर करें। शब्द का प्रभाव - moral story in hindi for every one एक बार एक सज्जन के घर रात में एक चोर घुस आया। वह चोर उनके रसोई घर में कुछ चोरी कर रहा था। अंधेरा होने के कारण उस चोर को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। जिससे उसके पैर से एक बर्तन टकरा कर गिर पड़ा और तेज से आवाज करने लगा। जिससे वह सज्जन और उनकी पत्नी जाग जाते हैं। और उनकी पत्नी चोर-चोर चिल्लाने लगती। तब उस सज्जन ने अपनी पत्नी को डांटते हुए कहा! चुपरहो वह कितना गरीब होगा तभी वह इतनी रात को चोरी करने आया होगा। उस चोर से ज्यादा तो तुम कंजूस हो। वह चोर रसोई घर में है जरूर उसे भूख लगी होगी जिस कारण से वह कुछ खाने का सामान ले रहा होगा। दरअ

मजेदार स्टोरी इन हिंदी - Very Short Story in Hindi

  Majedar kahani in hindi ।। Very short story in hindi ।। Short kahani in hindi दो मित्र थे, एक का नाम राम और दूसरे का श्याम। था। देखने में तो दोनों सुंदर थे। राम गरीब था और श्याम धनवान था। उसे हमेशा ही धन की घमंड रहता था। परंतु दोनों में घनी मित्रता थी। एक दिन की बात है राम और श्याम घूमने जंगल जा रहे थे। जब दोनों जंगल के बीचों-बीच पहुंच गए तभी उन्हें एक शेर ने घेर लिया। राम ने देखा कि शेर श्याम की तरफ कदम बढ़ा रहा है। तो वह पागल हो गया, उसे कोई उपाय नहीं सोच रहा था कि क्या करें। तभी राम की नजर कंटीली झाड़ी पर पड़ी राम ने आहिस्ता से उस झाड़ी को उठाया और श्याम के आगे आ गया जो ही उसने राम को देखा तो वह दहाड़ता हुआ छलांगा मार राम ने साहस के साथ उसे कंटीली झाड़ी को शेर के मुंह में घुसेड दिया जिससे शेर दर्द से कहारता रहा। राम ने श्याम से कहा चलो मित्र घर चलते हैं, श्याम ने कहा ठीक है। दोनों मित्र घर चले आए। एक बार श्याम ने कहा ऐ मित्र देख तो इधर कितनी सुंदर लड़की है। परंतु राम ने कहा नहीं दोस्त, ऐसा मत करो वह भी किसी की इज्जत है। श्याम राम की इस व्यवहार से खुश तो हुआ लेकिन उसे शर्मिंदा हुई

कहानी लेखन हिंदी 4 Short - kahani lekhan hindi 4 short

  Short kahani lekhan for kids।। Short lekhan class 4 ।। Moral story hindi 4 एक गांव था जिस गांव में दो भाई रहा करते हैं। बड़ा भाई का नाम ग्राम था और छोटे भाई का नाम नरम था। इनके पिता का नाम मोहन सिंह था। दोनों भाई में प्रेम की भावना रहती थी। रविवार के दिन दोनों भाई बगीचा में टहलने जाते थे। एक दिन दोनों भाई नहा धोकर बगीचा में टहलने गए। उसे बगीचे के मालिक ने कहा-अभी, तूने इस पेड़ का टहनी कल क्यों तोड़ा। गरम-चाचा हम दोनों भाई तो सिर्फ रविवार के दिन ही आते हैं। हमे तो 6 दिन फुरसत ही नही मिलती है। माली ने गरम को एक थप्पर मारा और गाली देते हुए कहा-अबे सुअर की औलाद तो कौन तोड़ा। जब गरम का छोटा भाई नरम ने देखा की माली ने बेमतलब से मेरे भाई पर हाथ उठाया है तो वह आग-बबूला हो गया। इतने में नरम ने भी माली को खूब पीटा, जिस कारण माली को  दिन में तारे नज़र आने लगे। माली बोला मेरे भैया, मुझे अब मत मारो, मैं कान पकड़ता हूं। मुझसे गलती हो गई। मुझे माफ कर दो। इस पर गरम ने अपने छोटे भाई नरम से कहा मत मारो, इसे अपनी भूल का एहसास हो गया है। सुंदर कविता हिंदी में बच्चों के लिए

ज्ञान देने वाली कहानी - story in hindi class 4

  Story in hindi class 4 ।। Class 4 ke baccho ke liye kahani एक धोबी के पास शक्तिशाली गधा था। कुछ समय बाद वह बेचारा बीमार पड़ गया। जिस कारण वह बहुत कमजोर हो गया। धोबी उसे कमजोर देखकर बहुत दुखी हुआ। एक दिन धोबी जंगल में जा रहा था तो उसने रास्ते में पड़ी हुई बाघ की लाश देखी। उस बाघ की लाश को देखकर धोबी ने योजना बनाई कि मैं उसकी खाल उतार कर गधे को पहना दूं। बस फिर गधे को रात को अकेला छोड़ दिया करूंगा। वह खड़े आराम से खेतों में जाकर चलेगा लोग उसे बाग समझ कर डर जाया करेंगे। इस प्रकार गधा बाघ का रूप धारण कर बड़े आनंद से लोगों की फसले खाने लगा। कुछ दिन में वह मोटा ताजा हो गया। उसे देखकर ही लोग डरते थे। जिधर वह निकल जाता, सभी उसे देखते ही भाग खड़े होते। इस प्रकार दोनों आनंद से रहने लगे। एक दिन उस गधे ने चरते चरते एक गधे को देखा तो अपनी भाषा में हींचू... हींचू करने लगा। ख खेतों के रखवालो ने देखा यह तो बाघ की खाल में गधा है। यह हमें आज तक पागल बना कर हमारे फैसले खाता रहा। बस फिर क्या था, उन किसानों ने उसे गधे को लाठियां से मार मार कर वही मार डाला। इसलिए मैं कहता हूं कि अपनी जरा सी भूल के कारण भी

पुस्तक पर छोटी कविता - pustak par kavita

इस स्वार्थ भरी दुनिया में अगर कोई सच्चा साथी है तो वह है पुस्तक, जो कोई इससे सच्चा साथी बना ले तो उसे पुस्तक एक कामयाब इंसान ही बना देता है। पुस्तक ही हमे सही ज्ञान और एक कामयाब इंसान बनाता है। इसलिए अधिक से अधिक पुस्तक पढ़नी चाहिए। तो दोस्तो आज हम आपके लिए पुस्तक के महत्व को बताते हुए एक कविता प्रस्तुत कर रहा हूं, उम्मीद करता हूं कि यह आपको जरूर पसंद आयेगा। किताबें हमारी साथी है। हमे जीना सिखाती हैं। दुख को हस के जीना। सुख को गले लगाना। यही हमे बतलाती है। बापू, नेताजी, लौह पुरुष के बारे में बतलाती है। जीवन एक संघर्ष है हमे यह बतलाती है। संघर्ष करने वाले को जीत यह दिलाती है। किताबें ही एक जरिया है। जो सच कह जाति है। झूठ से दूर रहना हमे सदा यह पाठ पढ़ाती हैं। इतिहास की कथाओं के बारे में हमको याद बतलाती है बदलते परिवेश में अन्तरमन को जगाती है। अंधेरे को दूर करके प्रकाश हमे दे जाति है। किताबें हमारी साथी हमे जीना सिखाती हैं। दोस्तो यह प्रेरणा दायक कविता आपको पसंद आया हो तो इसे अधिक से अधिक लोगों तक शेयर जरूर करे धन्यवाद। हिंदी बाल कविता सबसे अच्छी हास्य कविता

छोटी सी कविता हिंदी में - choti si Kavita

  Chhoti si Kavita ।। Small poetry in hindi ।। Short poem in hindi कोई कहता है सागर गहरा,  मन से गहरा कुछ नहीं ये हैं अन्तर की आवाज  कोई कहता सपना है, जीवन कहते हैं जिसको वह है एक संघर्ष  कोई कहता व्यथा है मिलती कोई कहता धनयोग  ईश्वर ही सब कुछ देता है यह तो है कर्मो का भोग कोई कहता प्रीत बड़ी और कोई कहता प्रीतम  दोनो बिन सृष्टि नही यही है सृष्टि का स्वरूप Hindi ki chhoti si kavita ।। Chhoti si Kavita  तुम अपने जिंदगी में, इतने व्यस्त हो जाओ की, गम का पता ही ना चले। तुम्हे दुखी करने वाले, खुद दुखी हो जाए तुम्हारे अटल इरादों को देखकर। याद रखना तुम, जब मंजिल की ओर अग्रसर होंगे,  तुम्हे बाधाए रोकने आएंगी हजार, लेकिन तुम ना घबराना, बस अटल इरादा हो तुम्हारे अन्दर  एक दिन सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी, बस लक्ष्य की ओर बढ़ते जाना तुम, छोटी सी मोटिवेशनल कविता - chhoti si motivational Kavita कोई पक्का इरादा क्यों नहीं है,  तुझे खुद पर भरोसा क्यों नहीं है। बने हैं पाव चलने के लिए ही,  तू उन पावों से चलता क्यों नहीं है। बहुत संतुष्ट हैं तू हालात से,  तेरे अन्दर भी गुस्सा क्यों नहीं है। मिली है खुदखुशी

‘नील कुसुम’ बारिश के मौसम पर रामधारी सिंह दिनकर की सुंदर कविता

  Ramdhari singh dinkar poem in hindi ।। Beautiful poem ram dhari Singh dinkar अंबर के गृह गान रे, घन पाहुन आए। इंद्रधनुष मेचक रुचि हरी, पीत वर्ण दामिनी घुती न्यारी, प्रिय की छवि पहचान रे, नीलम घन छाए। वृष्टि विकल घन का गुरु गर्जन, बूंद बूंद में स्वप्न विसर्जन, वारिद सुकवी समान रे, बरसे कल पाए। तृण, तरु, लता, कुसुम पर सोई, बजने लगी सजल सुधि कोई, सुन-सुन आकुन प्राण रे, लोचन भर आए। दोस्तो यह प्रेरणा दायक कविता आपको पसंद आया हो तो इसे अधिक से अधिक लोगों तक शेयर जरूर करें धन्यवाद। सबसे अच्छी हास्य कविता